जैसे, यदि मूल समीकरण है तो इसे) के रूप में लिखेंगे।
3.
जैसे, यदि मूल समीकरण है तो इसे) के रूप में लिखेंगे।
4.
तरलगतिकी का मूल समीकरण सातत्य समीकरण (equation of continuity) कहलाता है जो निम्न प्रकार से लिखा जाता है-
5.
इसके मूल समीकरण में एक राशि प्साई ज्ञ् का प्रयोग होता है मैक्स बॉर्न के अनुसार प्साई से किसी स्थान पर कण उपस्थिति की संभावना निकाली जा सकती है।
6.
पहले से ही दिया गया है, और एक पैर की लंबाई स्थापित करना हो, तो निम्नलिखित समीकरण का उपयोग किया जा सकता है (निम्नलिखित समीकरण केवल मूल समीकरण का उलटा है):
7.
यदि c पहले से ही दिया गया है, और एक पैर की लंबाई स्थापित करना हो, तो निम्नलिखित समीकरण का उपयोग किया जा सकता है (निम्नलिखित समीकरण केवल मूल समीकरण का उलटा है):
8.
७ वीं सदी में ब्रह्मगुप्तने ब्रह्मगुप्त की प्रमेय (Brahmagupta theorem), ब्रह्मगुप्त का मूल समीकरण (Brahmagupta's identity), और ब्रह्मगुप्त का सूत्र (Brahmagupta's formula) दिया और पहली बार ब्रह्म-स्फूत-सिद्धांत में,उन्होंने शून्य के उपयोग को एक स्थानीय धारक (placeholder) के रूप में और एक दशमलव अंक (decimal digit) के रूप में विस्तार से समझाया, तथा हिंदु-अरबी अंक प्रणाली (Hindu-Arabic numeral system) को स्पष्ट किया.गणित पर इस भारतीय पाठ्य के अनुवाद से (सी.
9.
इस का अंक बनता है-5 | यह आज के अंकों के साथ कोई मैत्री भाव नहीं रखता है | इस कारण यह समीकरण पक्ष का नहीं बन रहा है | निर्देशक संजय पूरण सिंह का अंक भी है-5 | अतः यह अमैत्री भाव दोहरा हो गया है | इस अंक 5 का मूल समीकरण है 3-4-8-8 | यहाँ आज के अनुसार अशुभ अंकों की बहुलता हो गयी है, जो कि हितकारी नहीं है |